आप सब को तो पता ही होगा कि महाभारत में कर्ण पांडवों में सबसे बड़े पुत्र थे, पर यह बात माता कुंती ने अपने पांचों बेटों से छुपा कर रखी थी, माता कुंती ने किसी को भी नहीं बताया था कि करण उनके सबसे बड़े बेटे हैं और जब महाभारत के मैदान में युद्ध के दौरान जब करण और अर्जुन की भीषण लड़ाई में अर्जुन ने कारण को मार दिया और जब यह बात माता कुंती को पता चली तो वह फूट-फूट कर रोने लगी और अपने पुत्रों से पूछने पर कि वह क्यों रो रही है तब माता ने बताया कि कारण उनके सबसे बड़े भाई थे और उन्होंने तुम सब की रक्षा के लिए अपने प्राण को दान में दे दिया।

यह बात सुनकर पांचो पांडव भाई पश्चाताप करने लगे और सोचने लगे कि यह हमसे कितनी बड़ी भूल हो गई हमने अपने ही बड़े भाई को मार दिया और इसी बात से क्रोधित होकर युधिष्ठिर ने पूरे संपूर्ण स्त्री जाति को यह श्राप दिया कि वह अपने मन में कोई भी बात छुपा कर नहीं रख सकेंगे |